ज़िन्दगी एक समर्पण
🌸🌸 जिंदगी एक समर्पण है और
कुछ नही।
सब कुछ तुझको है अर्पण ठौर कुछ नही।
मेरी कश्ती किनारे लगा दीजिए।
या सलीका हमें ही बता दीजिए।
यूं मुकम्मल जहां सबको मिलता नही।
यूं तो हर प्रेम परवान चढ़ता नहीं।
हम बस तेरे सहारे खड़े राह में।
ये नयन भी सजल हैं तेरी चाह में।
अब दवा दे मुझे या तू दे दे जहर।
हर पल तेरी पनाहों में जाये गुजर।
अब प्रतीक्षा की घड़ियां न होती खतम।
चाहे जैसे भी सह लेंगे जुल्म ओ सितम।
सब कुछ अर्पण समर्पण तुझे कर दिया।
हैरां तेरा ही तुझको मै अर्पण किया।🌸🌸
नरसिंह हैरान जौनपुरी मुंबई
7977641797